बाइक टूर की सूचना प्रविष्टि पर समीर जी, विजय और मुनीश की टिप्पणियाँ थीं।
vijay gaur/विजय गौड़ // 7:10 AM
पहले बताया होता तो अपन भी चलते यार। चलो फ़िर कभी सही।शुभकामनाऎं।
मुनीश ( munish ) // 10:27 AM
mauj lo , mauj do , na mile to khoj lo. all the best. show us photos also.
बाइक टूर के लिये लेउवेन से लगभग ५० किमी दूर जाना हुआ। सिन्त-त्रुदेन (Sint-Truiden) के आस-पास एक बड़ा क्षेत्र इस के लिये खास तौर से डिजाइन किया गया है।
सुबह ९ बजे, डिपार्ट्मेन्ट के पास एकत्र हुए और जिनकी अपनी साइकिलें थीं उन लोगों ने लदाई की और हम लोग कार से सिन्त त्रुदेन के लिये चल पड़े। बाइकिन्ग के लिये ५० किलोमीटर की दूरी को ४ चरणों मे पूरा करने की योजना थी।
स्टेशन के पास गाड़ियाँ पार्क की गयीं और सब लोग सिटी सेन्टर की तरफ़ पैदल रवाना हुये। यहाँ के पर्यटन विकास केन्द्र से किराये पर साइकिलें ली और शहर से बाहर की तरफ़ रुख किया।
इस प्रविष्टि मे विन्डोज लाइव राइटर के फ़्लिकर प्लगिन के साथ-साथ पिकासावेब प्लगिन का भी प्रयोग किया गया। पहला चित्र Zemanta के सहयोग से।
11 comments:
अजब लगा देख कर-कोई भी हेलमेट नहीं लगाये है??
दृष्य मनोरम हैं.
बढ़िया फ़ोटो। विवरण जरा कमेंट्री नुमा दिया करो जी!।
अच्छे दृश्य हमने भी दर्शन कर लिए।
इन खाली खाली सड़को में बाईक चलाने का तो खूब मजा आया होगा।
सुंदर चित्र हैं.
कमाल है। सड़क पर कोई गाय नही, कचरा नहीं, पॉलीथीन की पन्नियां नहीं। दो साइकलों के बीच सीढ़ी लटकाये बिजली विभाग के कर्मचारी नहीं। :)
Khubsurat!
nice tour
वाह, बहुत खूब। ऊपर से छठी फोटो पसंद आई जिसमें मकानों के बीच एक लॉन (lawn) बना हुआ है। सुन्दर! :)
और ये अनूप जी क्या कह रहे हैं? मेरा आईडिया चुरा लिए हो कमेन्ट्री टाइप विवरण तस्वीरों के साथ टिकाने का!! ;)
समीर जी आगे की फोटो हेलेमेट वाली दिखायेंगे :)
शुक्ला जी सुनियेगा ये अमित महोदय क्या कह रहे हैं?
तरुण, मज़ा तो बहुत आया लेकिन तेल भी निकला ५० किमी कम नही होते :)
पाण्डेय जी,वाकयी कमाल ही है और क्या कह सकते हैं :)
लवली अभिषेक और जितेन्द्र धन्यवाद।
अमित, आपका इशारा शायद पाँचवीं तस्वीर की ओर है, है न। बाकी बात शुक्ला जी तक पहुंचा रहा हूँ।
भाई अमित और मिसिरजी, चोर कौन है वो आप भाई लोग तय कर लो हम मान लेंगे। हमारा तो यही कहना है कि तस्वीरों के साथ झकास कमेंट्री भी आनी चाहिये। ये कौन है वो कौन है। कैसा हुआ कैसे हुआ टाइप। जैसे अमित ने अपने पहाड़ के टूर दिखाये थे। फ़ोटो अच्छी हैं।
Post a Comment